बीमा में NCB का मतलब नो क्लेम बोनस होता है। यह एक छूट या इनाम है जो बीमा कंपनियाँ पॉलिसीधारकों को पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा न करने पर देती हैं। NCB आमतौर पर वाहन बीमा, खासकर व्यापक कार या बाइक बीमा से जुड़ा होता है।

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🔍 एनसीबी NCB कैसे काम करता है
वर्ष 1 (नई पॉलिसी): आप पूरा प्रीमियम चुकाते हैं (कोई छूट नहीं)।
वर्ष 2 (कोई दावा नहीं): आपको अगले नवीनीकरण पर प्रीमियम पर 20% की छूट मिलती है।
वर्ष 3 (फिर कोई दावा नहीं): छूट बढ़कर 25% हो जाती है।
यदि कोई दावा नहीं किया जाता है, तो यह छूट सालाना बढ़ती रहती है।
✅ मोटर बीमा में सामान्य एनसीबी स्लैब:
लगातार दावा-मुक्त वर्ष एनसीबी छूट
1 वर्ष 20%
2 वर्ष 25%
3 वर्ष 35%
4 वर्ष 45%
5+ वर्ष 50% (अधिकतम)
नोट: एनसीबी केवल आपके प्रीमियम के स्वयं-क्षति वाले हिस्से पर लागू होता है, तृतीय-पक्ष देयता वाले हिस्से पर नहीं।
💡 महत्वपूर्ण बिंदु
हस्तांतरणीय: यदि आप एक नया वाहन खरीदते हैं, तो आपका एनसीबी नई बीमा पॉलिसी में स्थानांतरित किया जा सकता है।
व्यक्तिगत, वाहन-आधारित नहीं: एनसीबी पॉलिसीधारक का होता है, वाहन का नहीं।
समय पर नवीनीकरण न होने पर समाप्ति: यदि पॉलिसी समाप्ति के 90 दिनों के भीतर नवीनीकृत नहीं की जाती है, तो एनसीबी समाप्त हो जाता है।
दावों द्वारा अमान्य: यदि आप एक भी दावा करते हैं, तो आपका एनसीबी शून्य पर रीसेट हो सकता है।
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🧾 उदाहरण
मान लीजिए कि आपकी कार बीमा प्रीमियम ₹10,000 (स्व-क्षति भाग) है। अगर आपके पास 50% NCB है:
आप केवल ₹5,000 (₹10,000 – 50% NCB) का भुगतान करते हैं।
अगर आप दावा करते हैं, तो अगले साल आपका NCB घटकर 0% हो सकता है, और आपको फिर से पूरा प्रीमियम देना होगा।